about me:
गधे को भी बहुत ख्वाइश होती है | की वो कोयल की तरह राग आलापे | पर साला धोबी बेचारे पर इतना बोझ ढ़ो देता है की वोह बोझा उठाता रह जाता है | अपने अन्दर की इच्छा को उसे दबाना पड़ता है | उसकी दर्द भरी आवाज़ से लोग ना खुश होते हैं |
मेरे जीवन की भी वाही दशा है | मैं लेखक बनना चाहता हूँ | पर दुनिया दारी के बोझ ने गधा बना दिया |
जंगली गधा (संत/hermit/sanyasi)खुश रहता है भले उसे खाना मिलने में दिक्कत होह |
धोबी का गधा (householder/गृहस्त) खाना तोह पाता है पर सकून नहीं पाता है |
संत कबीर से मैनें कुछ सिखा है वो इस प्रकार है-
कबीरा जब हम पैदा हुए,जग हँसे और हम रोए।
ऐसी करनी कर चलो कि जग रोए और हम हँसे।।
अब मै अपने बारे में क्या बताऊँ??मैं बोलुँगा तो बोलोगे कि मुँह मिया मिठ्ठु बनता है
…फ़िर भी बता देता हुँ ।
मै एक खुली किताब (और कुछ नही खुला है भाई) की तरह हुँ। कोई भी पढ सकता है (वैसे कुछ लिखा ही नही है)।
और हां मै बहुत ही बदमाश, नालायक,लुच्चा,लफ़ंगा,पाजी,कमीना…………और जो भी हो सकता है वो सब हुँ। (यार ये मैं सोचता हुं यहाँ ध्यान मत देना)
मेरी Body का राज---
चरस,गाँजा,तँबाकू,सुपारी,गुटखा,पान,
लेकिन मेरे दोस्त मुझे बहुत ही अच्छा लड्का (गलती करते है) मानते है। कहते है मै सबकी बात मानता (अपना काम पड्ने पर) हुँ, सीधा-साधा (जलेबी की तरह), सबको प्यार करने वाला (लड़कियों को विशेष तौर पर), नेक दिल (दिल बहुतों को दे चुका हूँ), ईमानदार (कई बार ईमान बेचने की कोशिश की लेकिन कोई खरीदता ही नही)अल्ला की गाय की तरह भोलाभाला (भोला हूँ पर भोले भंडारी की तरह।हिम्मती (कही भी कुछ भी हो सबसे पहले मैं ही भागता हूँ), शरीफ़ (अबे पूरे शरीर से शराफ़त टपकती है भाई), भगवान को भी मानता हूँ ( वो कहते है ना कि राम नाम ज़पना और पराया माल अपना)।
हाँ इस बात पर ज़रा सारे लङके व लङकियाँ(खास तौर पे) ध्यान दे--मेरी 1 भी GIRL FRIEND नही है (काश ऐसा होता)। उनके फोटो के लिए मेरी album जरुर देखें।
और क्या बताऊँ अपने बारे में कुछ ज्यादा ही हो रहा है (वैसे कुछ याद भी नही आ रहा है और) ।
वैसे आप को और अधिक जानकारी के लिये हमारे दिये गये पते या फोन नम्बर पे काल करना पडेगा (पता है कोई करेगा नही इसलिए लिखे भी नही हैं।)
अब मैं जो बोल रहा हुँ वो दिल से बोल रहा हुँ……( इतनी देर मुँह से बोल रहा था)
राह देखी थी इस दिन की कब से (अबे जब से आये थे तब से )
आगे के सपने सजा रखे थे ना जाने कब से (आधी रात के सपने जो कभी सच नही होते)
बडे उतावले थे यहां से जाने को (लघु शंका जो हो रही थी)
जिन्दगी का अगला पड़ाव पाने को (पता नही कहाँ है)
पर न जाने क्युँ दिल मे आज कुछ और आता है (doctor कहते है कि दिल में छेद है इसलिए कचरा आता है।)
वक्त को रोकने को जी चाहता है (क्या करुँ सनकी जो हुँ)
जिन बातो को लेकर रोते थे (वो बात अलग है कि रोये नही है)
आज उन पर हँसी आती है (close up वाली हँसी यार)
ना जाने आज उन पलो की याद बहुत आती है
कहा करते थे बडी मुश्किल से 21 साल सह गए
पर आज क्युँ लगता है कुछ पीछे रह गया (सही है यार)
ना भुलने वाली कुछ यादें रह गयी (अभी कुछ याद ही नहीं है)
मेरी टांग अब कौन खींचा करेगा (बहुत खींची है यार खींच-खींच कर टाँगे ही सिर्फ 4 फूट की हो गई है)
अब मेरा सर खाने कौन मेरा पीछा करेगा।(सर में तो भुँसा भरा है गाय,भैंस मुझे देखते ही दौङी चली आती है।)
जहाँ 2000 का हिसाब नही वहाँ 2रु के लिये कौन लडेगा (बहुत लडे है यार)
कौन रात भर साथ जाग के पढेगा (ऐसा बहुत कम हुआ है)
कौन मेरी गाडी मुझसे बिना पुछे ले जायेगा (यानि कि अब मैं किसकी गाडी पार कर के ले जाऊँगा)?
कौन मेरे नये नये नाम बनायेगा (बहुनामी हु ना)
मै अब बिना मतलब किससे लडुँग़ा
बिना टोपिक के किससे फालतु बात करुँग़ा (टोपिक कब रहता है मैं तो हमेशा ही फालतु बोलता हूँ)
कौन फ़ेल होने पर दिलासा दिलायेगा (आदत जो हो गई है फेल होने कि)
कौन नम्बर आने पे गालियाँ सुनायेगा।(जो कभी आए ही नहीं है)
अब मैं और नही लिख सकता मुझे रोना आ रहा है (रोया नही हुँ अभी)
अब जो मै लिखने जा रहा हुँ उस पक्ति की ऒर ध्यान दिजीएगा………………
***** वैधानिक चेतावनी****
//उन बालक और बालिकाओ(खास तौर से) से मेरा अनुरोध है कि जो मेरे profile को पढे कृपया अपने टिप्पणी दिये बिना न जाये।